Skip to content
Hiten Chaudhary

Hiten Chaudhary

उसकी खुसी के लिए हमने छोड़ दी हर ख्वाहिश चार कदम चला और बदल गया किसी के आने से क्या कहूँ मैं कहने को शब्द नहीं मिल रहे, चलो आज खामोशी ही महसूस कर लो…!! पत्थर समझ कर पाँव से ठोकर लगा दी. अफसोस तेरी आँख ने परखा नहीं मुझे. क्या क्या उमीदें बांध कर आया था सामने. उसने तो आँख भर के भी देखा नहीं मुझे?
It looks like this user hasn’t earned any badges yet.